लेखक: कल्पना की दुनिया
दृश्य 1: गुलाबी शाम
आसमान में सूरज डूब रहा था, और जयपुर के एक पुराने हवेली के बगीचे में चमेली की खुशबू हवा में तैर रही थी। लीना, एक चित्रकार, अपने कैनवास पर रंग भर रही थी, जबकि उसकी नज़रें बगीचे के गेट पर टिकी हुई थीं। अर्जुन, हवेली का नया मालिक और एक पियानोवादक, आज शाम को लौटने वाला था। उनकी पहली मुलाकात एक हफ्ते पहले हुई थी, जब उसने गलती से उसके स्टूडियो में प्रवेश कर लिया था। उसकी आवाज़—नरम, गहरी, और संगीत से सराबोर—लीना के दिल में उतर गई थी।
दृश्य 2: अधूरे सुर
अर्जुन ने पियानो पर एक धुन बजाई, जो लीना के कानों में गूँज उठी। वह धीरे से स्टूडियो की ओर बढ़ी। दरवाज़ा खुला था। अर्जुन की उँगलियाँ चाबियों पर नाच रही थीं, लेकिन संगीत अचानक रुक गया। उसने सिर उठाया, और उनकी नज़रें मिलीं। "तुम्हें यह धुन पसंद आई?" उसने पूछा, मुस्कुराते हुए। लीना ने हाँ में सिर हिलाया, पर उसका दिल धड़क रहा था। उसकी आँखों में वह जादू था जो उसके कैनवास पर कभी नहीं उतर सकता था।
दृश्य 3: बारिश की बूँदें
एक शाम, जब बादल गरजने लगे, अर्जुन ने लीना को बरसाती में छुपने के लिए आमंत्रित किया। छत पर खड़े होकर, उन्होंने बारिश की संगीतमयी फुहारों को महसूस किया। अर्जुन ने उसकी हथेली को अपने हाथ में लिया। "तुम्हारे हाथ... ये रंगों और सपनों से भरे हैं," उसने कहा। लीना ने उसकी आँखों में झाँका—वहाँ कोई जल्दबाज़ी नहीं, बस एक गहरा विश्वास था। उनके बीच की हवा में बिजली-सी कौंध गई, और फिर एक बूँद उसके गाल पर गिरी। अर्जुन ने उसे पोंछा, और उसका स्पर्श लीना की रगों में आग बनकर बह गया।
दृश्य 4: चाँदनी रात
उस रात, बगीचे में चाँदनी फैली हुई थी। अर्जुन ने पुराने ग्रामोफ़ोन पर एक ग़ज़ल चलाई, और लीना का हाथ थामकर नृच करने को कहा। "मैं नाचना नहीं जानती," उसने हँसते हुए कहा। "बस महसूस करो," अर्जुन ने कान में फुसफुसाया। उनके शरीर धीरे-धीरे लय में झूमने लगे। लीना ने उसकी गर्दन पर चमेली के फूलों की माला देखी—वही खुशबू जो उसके दिनों को भर देती थी। अचानक, अर्जुन ने उसकी ठुड्डी को उठाया। "तुम... तुम मेरे संगीत की सबसे खूबसूरत धुन हो," उसने कहा, और उनके होंठों के बीच की दूरी ग़ायब हो गई।
दृश्य 5: सुबह की पहली किरण
जब सूरज निकला, लीना ने अपने कैनवास पर अर्जुन का पोर्ट्रेट बनाया—उसकी मुस्कान, उसकी उँगलियों का नृत्य, और चमेली की माला। अर्जुन ने पियानो पर एक नई धुन बजाई, जो लीना के दिल की धड़कनों से मेल खाती थी। वे जानते थे कि यह शुरुआत थी—दो आत्माओं का मिलन, जहाँ कला और संगीत एक हो गए थे।
यह कहानी प्रेम, सम्मान और भावनाओं की सुंदरता पर केंद्रित है। यदि आपको किसी विशेष दृश्य या विवरण को और विस्तार देने की आवश्यकता हो, तो बताएँ! 🌸
1. मानसून के फुसफुसाहट बारिश की पहली बूँदें जब धरती से टकराईं, प्रिया सड़क पर तेजी से चल रही थी, उसकी दुपट्टा कंधों से चिपकी हुई थी। अचानक हुई मुंबई की मानसून बारिश ने उसे अप्रस्तुत कर दिया था। मोड़ पर मुड़ते ही वह एक चौड़े सीने से टकरा गई। "संभल कर," एक जानी-पहचानी आवाज़ हँसी। उसका दिल धक से रह गया। रोहन। उसके गर्म हाथों ने उसे संभाला, जबकि बारिश उसकी काले पलकों से टपक रही थी। महीनों से वे इस आकर्षण के आसपास घूम रहे थे—कॉलेज में एक-दूसरे को देखते रहना, नोट पास करते समय उंगलियों का अनजाने में छू जाना। अब, एक बंद चाय की दुकान के छज्जे के नीचे अकेले में, उनके बीच की हवा में बिजली-सी कौंध गई। "तुम काँप रही हो," रोहन ने धीरे से कहा, अपनी डेनिम जैकेट उतारकर उसे पहना दी। उसकी उंगलियाँ प्रिया के गर्दन के उस हिस्से को छू गईं जो खुला हुआ था, और प्रिया की साँस रुक-सी गई। कल रात मीरा की शादी में पीते हुए वाइन का आत्मविश्वास शायद अभी तक बाकी था, जिसने उसे रोहन की आँखों में देखने का साहस दिया। रोहन की आँखें गहरा गईं। धीरे से, उसे पीछे हटने का मौका देते हुए, उसने उसके गाल...
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